राजपूतो को अपनी शान और राज वापस चाहिए तो ?



1)   सबसे महत्वर्पूंण बात हमें एक होना पड़ेगा। अर्थात अगर किसी राजपूत पर मुसिबत आती है या उसे किसी प्रकार की मदद की जरूरत पड़ती है तो भले ही हम उसे जानते ना हो बस इतना जानते की वो एक राजपूत है । तो हमें उसकी हर सभंव मदद करने की कोशिश करनी चाहिए । जिस दिन ऐसा हो गया उस दिन से पूरे भारत में कोई भी राजपूतों के सामने ऑख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करेगा।

2)   आज कल राजपूत माँ-बाप अपने बच्चो को राजपूतों की संस्कृति , रिति - रीवाजो, मान-र्मयादा से अवगत नहीं करवा रहें है जिसके कारण आज कल के कई राजपूत बच्चो को अपनी गोत्र तक नहीं पता है। इस दिशा मे हमे काम करना होगा । जैसे राजपूत माँ-बाप को बचपन से ही अपने बच्चो को राजपूतों के संस्कृति , रिति-रीवाजो , मान-र्मयादा से अवगत करवाना चाहिए। इस दिशा में हम कई और कदम उठा सकते है जैसे हम पैसे वाले राजपूतों की मदद से कई स्कूल खोले जा सकते है जँहा पर र्सिफ राजपूत बच्चो को शिक्षा दि जाती हो । वहाँ पर गरीब राजपूत बच्चो को मुफ्त शिक्षा दि जाती हो। वहाँ पर पढाई के साथ-साथ राजपूत बच्चो को राजपूतों कि संस्कृति, रिति-रिवाजो , मान-र्मयादा से भी अवगत करवाया जाता हो।

3)   आज कल हमारे राजपूत समाज के कई लड़के-लड़कियाँ घर से भाग कर या दुसरी जाती में प्रेम विवाह कर हमारी जाती को कलंकित कर रहै है। ऐसे लड़के-लड़कियो को मार देना चाहिए । क्योकिं ऐसे लड़के-लड़कियाँ हमारी पूरी राजपूत जाती पर कलंक है । ऐसे लड़के-लड़कियाँ हमारे राजपूत धर्म के साथ खिलवाड़ कर रहे है और जो भी हमारे राजपूत धर्म के साथ खिलवाड़ करेगा उसे जिने का कोई हक नहीं है।

4)   आधुनिकरण की दौड़ मे अपना अस्तित्व खोती राजपूत जाती। राजपूत जाती को हमेशा से इज्जत के साथ देखा जाता है क्योंकिं राजपूत जाती की महिलाँए व लड़कियाँ हमेशा अपनी मान-र्मयादा को सहज कर रखती है । परन्तु आज आधुनिक और फेशन के चक्कर मे कई राजपूत लड़कियाँ अपनी मान-र्मयादा को ताक पर रख अधनगें कपड़े पहन रही है। इसे रोकना बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकिं क्षत्राणी ही हमारी जाती का भविष्य तय करती है।

5)   स्त्री शिक्षा - हमारी जाती में लड़कियों की शिक्षा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है । जिसके कारण हमारी जाती की स्त्री शिक्षा का अनुपात दुसरी जातीयों के अपेक्षा कम है । हमें इस दिशा में कदम उठाने होंगे।

6)   आजकल कई राजपूत हमारी संस्कृति और रिती रिवाजो को बदलने कि कोशिश कर रहे है। जैसे - विधवाओ का पुनः विवाह इत्यादि । ऐसे राजपूतों को रोकना होगा क्योंकिं ऐसी संस्कृति और रिती-रिवाज ही हमें दुसरी जातियों से अलग और उच्च बनाते हैं । ऐसी संस्कृति और रिती-रिवाजो कि वजह से ही अभी तक हमारी राजपूत जाती का अस्तित्व टिका हुआ हैं। जिस दिन हमने अपनी संस्कृति और रिति-रिवाजो को भुला दिया या बदल दिया उस दिन राजपूत र्सिफ एक शब्द बनकर रह जाएगा। इन सब समस्याऔ से हमारे समाज को बचाने के लिए हम पहले अपने आस-पास के इलाको , गाँवो मे कुछ आभियान चला सकते है । इन अभियानो मे हम सप्ताह में एक बार सभाऐ रख वहाँ पर हम और राजपूत भाईयो के साथ मिलकर राजपूतो के सामने आ रही समस्याओ के बारे मे र्चचा कर उन्हें सुलझाने के उपाय करे। ऐसी सभाओ मे किसी भी राजपूत को अगर कोई समस्या हो तो वो सामने रखे और दुसरे राजपूत भाई उस राजपूत भाई की समस्या सुलझाने में उसकी मदद करे । महीने मे एक बार पुरे जिले की एक बड़ी सभा रखी जाँए जहाँ पर बड़ी समस्याओ और आगे कि रणनिती के बारे मे र्चचा की जाँए। ऐसी सभाऐ बच्चो के लिए भि रखी जाँए जहाँ पर बच्चो को राजपूतो कि संस्कृति , रिति-रिवाजो , मान-र्मयादा से अवगत करवाया जाए। बङे-बुजुर्ग हमें मार्गदर्शन प्रदान करे तथा इस सुझाव के प्रति अपना विचार प्रकट करने कि कृपा करें। आप सब से अनुरोध है कि सिर्फ लाइक ना करे अपितु अपना सुझाव व्यक्त करे ताकी हम सभी साथ मिलकर इस अभियान को आगे बढाये तथा आपको इस अभियान का हिस्सा बनकर इसे अपने इलाके में कार्यान्वित भी करना है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सके।


जय राजपूताना

वीर भोग्या वसुधरा

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